देखा वो दृश्य तो गमगीन हो गये
आंखे थी नम और बैचेन हो गये ....
चल रहे थे राह पर अरमान तर रहे
क्या हुआ के पल में सब बिखर से गये
करके न्यौछावर प्राणो कि ज्वाला को वो
सदा सदा पुण्य धरा पे अमर हो गये ।
देखा वो दृश्य......
सोचते थे सर पे छत होगी हमारी
छोटा सा घर प्यारी सी बिटीया हमारी
याद कर बिटीया के दादा रो पड़े
कहा बिटीया के पापा देश कि दिवार हो गये
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