आरती मंत्र
1.
ॐ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः।
स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः।
स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः।
स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
2.
ईश्वर: परम: कृष्ण: सच्चिदानंद विग्रह:।अनादिरादि गोविंद : सर्व कारण कारणम्
3.दिप प्रजवल्लित मंक्त्र
शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तु ते।।
दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन:।
दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तु ते।।
4.आदिशक्ति मांता मंत्र
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते।।
5.शिव मंत्र
कर्पूर गौरम करुणावतारं,
संसार सारं भुजगेन्द्र हारं।
सदा वसंतं हृदयार विन्दे,
भवं भवानी सहितं नमामि।।
5. राम मंत्र
लोकाभिरामं रणरंगधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम्।
कारुण्यरूपं करुणाकरं तं श्रीरामचन्द्रं शरणं प्रपद्ये।।
6.सरस्वती
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वींणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपदमासना।।
या ब्रह्माच्युतशङ्करप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा माम पातु सरस्वती भगवती
निःशेषजाड्याऽपहा।।
7. शांति पाठ
ॐ पूर्णमद: पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्णमुदच्यते।
पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते।।
ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्ष (गुं) शान्ति:,
पृथिवी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति:।
वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:,
सर्व (गुं) शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि।।
8.शुद्धिकरण मंत्र
ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतो5पि वा ।
यः स्मरेत पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तरः शुचिः ।।
9. माता के मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु *शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
* लक्ष्मीरूपेण, * तुष्टिरूपेण, *मातृरूपेण, * दयारूपेण, *बुद्धिरूपेण
*शांतिरूपेण
#नवार्ण मंत्र "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै''
10. **(आरती के बाद)
सर्वे भवन्तु सुखिनः
सर्वे सन्तु निरामयाः
सर्वे भद्राणि पश्चयंतु
मा कश्चिद्ध दुखःभाग्वेत
11. जयकारा
धर्म कि - विजय हो
अधर्म का - विनाश हो
प्राणियो मे - सद्भावना हो
विश्व का - कल्याण हो
12.
महामृत्यौंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||
Comments
Post a Comment