Engineering ...हमारे देश मे इंजीनियरींग कुछ बनने बनाने सीखने से कहीं पीछे है । इंजीनियरींग मतलब नौकरी बस । भारत मे बच्चा 10th पास करता तो उससे ये नही पुछा जाता है कि आपको क्या बनना है और गलती से आपने आर्ट लेने का बोल दिया तो फिर आपको तथाकथित तौर पर पढ़े लिखे लोगो के नीचले पायदान पर खड़ा कर दिया जाता है वैसे कुछ भी अब आपको लेनी पड़ती है सांइस ... और फिर अगर आपका इंटरेस्ट भी नही है तो रटा मारकर आप पास भी हो जाओगे और अच्छे प्रतिशत भी ले आओगे । मैं खुद एक साइंस स्टुडेंट हु तो समझ सकता हूं । अब जब तक आप 12 वीं पास करते हो तो अब आपका भविष्य फिर आपके परसेंटेज तय करते है 70 से ऊपर तो बेटा पकड़ लो कोटा ...या कोई कोचिंग सेंटर वंहा दो तीन साल कि घिसाई के बाद नंबर आया तो ठिक वरना पापा कुछ भी करके आपको प्राइवेट इंजीनियरींग मे तो घुसेडेंगे ही
प्राइवेट कोलेज से इंजीनियरींग
जिदंगी के झंड होने कि शुरूआत यंही से होती है देश मे प्राइवेट कोलेजो का हाल तो बताये ही क्या फिर भी इतनी असफलताओ के बाद एक सदींप माहेश्वरी का विड़ीयो देखते ही यार मैं करूंगा खुद से पढुंगा पर चार साल तक आपके बाप को भी कंगाल कर दिया जाता है और आप वहीं के वही यंहा टिचर्स रिकोर्ड मे कुछ और और पढा़ने वाले कुछ और होते है ...अब मेरी तो जिदंगी झंड है आपको यही राह दुंगा अगर इंजीनियरींग मे इंटरेस्ट है तो स्कोप मत देखना जो पंसद हो वो ही ब्रांच लेना क्योकी यंहा घोड़ो कि रैस मे गधे दौड़ते है अगर कंप्युटर साइंस तो सब के सब कंप्युटर सांइस फिर जब स्कोप चेंज होता तो फिर सब के सब mechanical मेंं...
इंजीनियरींग करे या नही ?
अगर डिग्री के लिए करनी है तो कंही से भी कर सकते हो मगर काबिल बनना है तो कुछ सिखना सुरू करदो किसी एक्सपर्ट से पुछकर अपने प्रोफेशन से जुड़े कोर्स और स्किल सीख ले ...अगर आपको वेब डवलपर बनना है तो 4 साल खराब क्यो डिपलोमा किजीए ...पैसा सबकुछ नही होता जिदंगी जीना सिखीए मन कि सुनना सिखीए बंदिशो को तोड़कर आजाद हवा मे सांस लिजीए ............ काबिल बनो कामयाबी जख मारकर आपके पीछे दौड़ेगी
अगर एक 8 वी फेल खुद कि साइबर सेक्युरीटी कपंनी खोल सकता है और बड़ी बड़ी कंपनीयो को सेक्युर रखता है तो ये साबित करता है वो काबिल है और काबिलियत डिग्री नही मांगती
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